Buchholz Relay

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Buchholz Relay : Buchholz Relay Transformer की एक सुरक्षा डिवाइस है जो की Transformer को Electric Fault से होने वाले नुकशान से पूर्वानुमान कराता है तथा जलने से बचाता है | 

Buchholz Relay एक गैस आधारित रिले होती है जो की Transformer के Oil से उत्पन्न होने वाली गैस के कारण Operate होती है और Transformer की सुरक्षा करती है ।

Buchholz Relay

Transformer Buchholz Relay Kya Hoti Hai

Transformer में कुछ भाग ऐसे होते है जिनके बारे में लोग अक्सर कम जानकारी रखते है । लेकिन इन्ही भागों की वजह से Transformer अपने आप को सुरक्षित रख पाता है । 

आज के इस आर्टिकल में हम Transformer के ऐसे ही एक भाग Buchholz Relay के बारे में जानेंगे । यदि आप जानना चाहते है की Transformer में Buchholz Relay क्या होती है तथा Transformer में इसका क्या उपयोग है तो यह आर्टिकल आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है ।

Buchholz Relay यह रिले गैस के द्वारा कार्य करने वाली रिले हैं, जो कि तेल से भरे ट्रांसफारमरों का इन्सुलेशन खराब होने पर, कोर के गर्म होने पर, या किसी प्रकार की भी आंतरिक खराबी जिससे की तेल एक निर्धारित मन से ज्यादा गरम हो जाता है जिसके कारण Transformer में होने वाले दोष से खराब होने पर घंटी बजाकर सचेत करता है और बचाता है । 

किसी प्रकार की आंतरिक खराबी के कारण तेल एकदम गर्म होकर वाष्प बनता है जिसके कारण यह रिले ऑपरेट होती है और इस रिले के द्वारा कम खराबी पर अलार्म बजाकर ऑपरेटर को सचेत करती है तथा अधिक खराबी होने पर पूरे सर्किट को ही ट्रिप कर देता है । Buchholz रिले कंजरवेटर तथा Transformer को मिलाने वाली पाइप में लगी रहती है  

Working and Construction of Buchholz Relay

इसमें एक लोहे का खोल होता है । जिसमें फ्लोट A तथा B लटके होते हैं इन्हे मरकरी स्विच के नाम से भी जाना जाता है। ये दोनों फ्लोट ऐसे लगे हैं कि जब तेल पूरा भरा रहता है और ट्रांसफारमर कार्य कर रहा है तो दोनों के कांटेक्ट प्वाइंट खुले रहते हैं । 


जब छोटी - मोटी खराबी होती है जैसे कि दो टर्नो का इंसुलेशन खराब होकर टर्न शार्ट हो रहे हों या कोर अधिक गर्म  हो रही हो तो ट्रांसफारमर ओवर लोड हो रहा हो , तो तेल का तापमान बढ़ जाता है जिससे तेल के वाष निकलने शुरू होते हैं । 

ये गैस के दुलबुले रिले से गुजरते हैं और फ्लोट A के ऊपर इकठ्ठे होते जाते हैं । जब गैस का प्रेशर अधिक हो जाता है तो फ्लोट A नीचे की ओर दबता है कि जिससे अलार्म का सर्किट ऑन हो जाता है और अलार्म बजकर ऑपरेटर को संचेत करता है कि ट्रांसफारमर में कहीं खराबी है । 

और अधिक खराबी , जैसे इंटरनल शार्ट सर्किट, फेजों में , ईसूलेशन खराब होने पर अर्थ हे जाना या बुशिंग का पंक्चर हो जाना , होने पर एकदम गैस बनती है जो कि एकदम पाइप से गुजरने पर फ्लोट B को पुश करके ट्रिप सर्किट वाले स्विच को ऑन करके पूरे ट्रांसफार्मर को सर्किट से अलग कर देती है ।

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