DC theory important tips in hindi -01

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DC Theory Important Points

इस पोस्ट में DC Theory से सम्बंधित कुछ Important Points दिए गए है जो आईटीआई की परीक्षा के साथ साथ अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओ के लिए भी महत्वपूर्ण है।  


👉 भारत मे फीक्वेंसी का मान 50 Hz

 

👉अमेरिका मे फीक्वेंसी का मान 60 Hz

 

👉हवाई जहाज मे फीक्वेंसी का मान 400 Hz होती है ।

 

👉ओपन सर्किट में प्रतिरोध का मान अनन्त तथा विद्युत धारा का मान शून्य होगा ।

 

👉बन्द सर्किट में प्रतिरोध का मान औसत तथा विद्युत धारा का मान औसत होगा ।

 

👉शार्ट सर्किट में उष्मा व तापमान अति उच्च हो जाता है ।

 

👉लघु परिपथ मे प्रतिरोध शुन्य तथा धारा का मान अनन्त हो जाता है ।

 

👉लीकेज सर्किट को अर्थिग से जोड़ा जाता है

 

👉शार्ट सर्किट में विद्युत धारा का मान बहुत अधिक उष्मा व तापमान का मान भी अति उच्च हो जाता है । 

 

👉ओह्म का नियम DC AC दोनो पर लागु होता है ।

 

👉अमीटर को श्रेणीक्रम में जुडा जाता है ।

 

👉वोल्टमीटर को समान्तर क्रम में जुडा जाता है ।

 

👉ओम का नियम का सुत्र V = I.R होता है ।

 

👉जल का आपेक्षिक धनत्व का 4° C होता है ।

 

👉प्रतिरोध लम्बाई के समानुपाती होता हैं

 

👉प्रतिरोध प्रतिरोधकता के समानुपाती होता हैं

 

👉प्रतिरोध अनुपस्थ कटाक्ष क्षेत्रफल के व्यत्कमानुपाती या विलामनपुपाती होता हैं

 

👉प्रतिरोध के नियम का  सुत्र R = ρ (L/A ) होता है ।

 

👉यदि किसी चालक का व्यास दुगुना करने पर प्रतिरोध और धारा चार गुनी प्रवाहित होती है ।

 

👉यदि किसी चालक तार कि लम्बाई व अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल मे समान मात्रा मे परिर्वतन होता है तो प्रतिरोध के मान में अपरिवर्तन होता है ।

 

👉चालकता का प्रतीक G एवं मात्रक साइमन होता है ।

 

👉चालकता का सुत्र G=1/R  होता है ।

 

👉1 सेमी लम्बे तथा 1 वर्ग सेमी कटाक्ष क्षेत्रफल का वाले टुकडा का प्रतिरोध उसका विशिष्ट प्रतिरोध कहलाता है ।

 

👉प्रतिरोधकता/विशिष्ट प्रतिरोध का मात्रक MKS मे ओह्म मीटर व CGS मे ओह्म सेन्टीमीटर होता है ।

 

👉प्रतिरोधक/विशिष्ट प्रतिरोध को मैगनीन धातु से बनाया जाता है ।

 

👉ताप गुणांक का मात्रक प्रति °C होता है ।

 

👉ताप गुणांक सुत्र R =Ro ( 1 + αt ) होता है

 

👉यूरेका में ताप गुणांक लगभग शून्य होता है ।

 

👉ताप वृद्धि से कार्बन में प्रतिरोध घटता है ।

 

👉अर्द्धचालक का तापगुणांक ऋणात्मक होता है ।

 

👉कुचालक पदार्थ में ताप वृद्वि से प्रतिरोध घटता है ।

 

👉यूरेका तथा मैग्नीन धातु का प्रतिरोध तापमान परिवर्तन पर अपरिवर्तीत रहता है । इसका ताप गुंणाक शुन्य होता है ।

 

👉प्रतिरोध का विलोम चालकता कहते है ।

 

👉विशिष्ट प्रतिरोध के विलोम को विशिष्ट चालकता कहलाता है ।

 

👉विशिष्ट चालकता प्रतीक सिग्मा मात्रक साइमन प्रति ° C होता है ।

 

👉विशिष्ट चालकता का सुत्र होता है ।

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